Sunday 21 April 2013

रजोनिवृत्ति का संबंधों पर प्रभाव

रजोनिवृत्ति का संबंधों पर प्रभाव

रजोनिवृत्ति का संबंधों पर प्रभाव:-

मेनोपोज यानी रजोनिवृति स्त्री के जीवन में एक ऐसा टर्निंग प्वाइंट होता है जहां से उसके जीवन में निराशा, अवसाद जैसी कई बीमारियां घेर लेती हैं। रजोनिवृति की शिकार महिलाओं में हृदय संबंधी रोगों की भी संभावना रहती है। रजोनिवृति के कारण महिलाएं खुद तो परेशान रहती ही हैं पति व परिवार के अन्य रिश्ते भी इन समस्याओं से अछूते नहीं रहते।

रजोनिवृति वह समय है जब महिलाओं में मासिक धर्म होना बंद हो जाता है। यह एक सामान्य सी हार्मोनल प्रक्रिया है जो हर महिला के जीवन में आती है। इस दौरान महिलाओं के मूड में काफी बदलाव होते है वे चिड़चिड़ी व चिंताग्रस्त रहने लगती हैं जिससे उनसे जुड़े लोग भी प्रभावित होते हैं। जानिए रजोनिवृति कैसे संबंधो को प्रभावित करती है।

रजोनिवृति का संबंधो पर प्रभाव
• मासिक बंद होने के समय शरीर में कुछ परिवर्तन होते हैं, इनसे कुछ महिलाएँ परेशान व भयभीत हो जाती हैं, जिसका प्रभाव संबंधों पर पड़ता हैं।
• महिलाएं अपने पार्टनर से रूखा व्यवहार करने लगती हैं।
• महिलाओं की सेक्स में रूचि कम हो जाती हैं।
• रजोनिवृति होने से चिड़चिड़ापन आपसी रिश्तों को खासा प्रभावित करता है।
• पति-पत्नी के बीच कड़वाहट के साथ ही परिवार के अन्य सदस्यों से भी नहीं बनती।
• कुछ महिलाएं रजोनिवृति के बाद डिप्रेशन में चली जाती हैं जिससे उन्हें कुछ भी अच्छा नहीं लगता और समय-समय पर उनका मूड बदलता रहता है।
• महिलाएं रजोनिवृति के बाद शारीरिक बदलावों के अलावा मानसिक रूप से भी बहुत प्रभावित होती हैं जिससे महिलाएं अपने सामान्य कामों को रूप से नहीं कर पाती।
• रजोनिवृति के बाद महिलाओं के बीमार रहने के कारण उनका साथी उनसे दूर-दूर रहने लगता है।
• माहवारी बंद होना एक स्वाभाविक घटना होती है लेकिन महिलाएं इसे स्व भाविक न लेकर एक बीमारी बना लेती हैं।
रजोनिवृति के दौरान होने वाली समस्याएं
• रजोनिवृति के दौरान महिलाओं के लक्षण, अनुभव और बीमारियां अलग-अलग होती हैं। कुछ महिलाओं में कोई लक्षण दिखाई नहीं देते, जबकि कुछ को शारीरिक और मानसिक विविध बीमारियां हो सकती हैं।
• मीनोपोज के बाद महिलाओं में हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।
• चिड़चिड़ापन आना, उच्च रक्तरचाप होना, तनाव ग्रस्त होना, डिप्रेशन इत्यादि मीनोपोज के कारण ही होता है।
• योनि से अनियमित रक्तस्राव यानी महावारी का जल्दी आना या देर तक न आना।
• योनि में रूखापन
• मूत्र निष्कासन के समय जलन
• अनिंद्रा की शिकायत
• वज़न बढ़ना
• लगातर मूड बदलना, थकावाट महसूस होना
• याददाश्त कमजोर होना
• जोड़ो में दर्द रहना या हड्डियों का कमजोर होना।

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