Bionrg International was established in March 2007 with a dedicated effort to excel standards of Health and wellness products. The Director of the company is Dr. Aryan Mittal specialized in Naturopathy (D.N.Y.S), Hypnotherapy (Hypnosis), Pranic Healing, Tibetan Yoga and Meditation.
Tuesday, 26 February 2013
Combating Cancer with Baking SODA
Dr. Tullio Simoncini is a Rome born physician. To be accurate, he is a
former physician. He was an oncologist, surrounded by patients who have
heard the rumors of his cancer treatments and come from all corners of
the world. He was the first person in medical history to discover cancer
is caused by a fungus called candida
albicans.However, it is natural that physicians who have had their
cancer patients whose days are “numbered” go to Dr. Simoncini and lived
longer than predicted, have had their pride hurt.
At the same time, physicians, drug companies and academic societies that could not eradicate cancer (malignant tumors) with chemotherapy and radiation therapy, and suffered enormous cuts in profits because of the Simncini Protocol, consider the possibility of Dr. Simoncini eradicating or curing cancer (malignant tumors) as a serious threat to their profits.
As a result, Simoncini had his doctor’s license revoked. The similarities between the Greek mythological God of Medicine Asclepius are striking. Because Asclepius used his abilities to help too many patients. Mankind was healthy and no one died. Hades, god of the underworld had him killed for his accomplishments.
In the same manner, the Dr. Simoncini Protocol that has provided relief to so many cancer patients, a technology that has stripped away patients from the customer base of medical organizations and pharmaceutical companies, is not something they wish to tolerate.
Yet, patients are desperate to continue living. For patients, a person who treats their sickness is a doctor. A person who takes away their pain is a doctor. Those who use poison, who push patients closer to their deaths, cannot be called a doctor.
Hippocrates, the offspring of Asclepius, swore to uphold in the following oath:
"I will prescribe regimens for the good of my patients according to my ability and my judgment and never do harm to anyone. I will not give a lethal drug to anyone if I am asked."
Even after Dr. Simoncini lost his doctors’ license, patients learned of his successes through word of mouth or videos posted on Youtube. A great number of cancer refugees continue to send him correspondence seeking aid for cancer. For that reason, Dr. Simoncini realized he must take a stand.
Now, in Japan, the world’s first Simoncini Cancer Center utilizing Dr. Simoncini’s “Simoncini Protocol will be opened. Furthermore, Chironcology Inc. will open an official training school for the instruction of the “Simoncini Protocol”, in order to provide aid to as many cancer refugees with nowhere else to go.
At the same time, physicians, drug companies and academic societies that could not eradicate cancer (malignant tumors) with chemotherapy and radiation therapy, and suffered enormous cuts in profits because of the Simncini Protocol, consider the possibility of Dr. Simoncini eradicating or curing cancer (malignant tumors) as a serious threat to their profits.
As a result, Simoncini had his doctor’s license revoked. The similarities between the Greek mythological God of Medicine Asclepius are striking. Because Asclepius used his abilities to help too many patients. Mankind was healthy and no one died. Hades, god of the underworld had him killed for his accomplishments.
In the same manner, the Dr. Simoncini Protocol that has provided relief to so many cancer patients, a technology that has stripped away patients from the customer base of medical organizations and pharmaceutical companies, is not something they wish to tolerate.
Yet, patients are desperate to continue living. For patients, a person who treats their sickness is a doctor. A person who takes away their pain is a doctor. Those who use poison, who push patients closer to their deaths, cannot be called a doctor.
Hippocrates, the offspring of Asclepius, swore to uphold in the following oath:
"I will prescribe regimens for the good of my patients according to my ability and my judgment and never do harm to anyone. I will not give a lethal drug to anyone if I am asked."
Even after Dr. Simoncini lost his doctors’ license, patients learned of his successes through word of mouth or videos posted on Youtube. A great number of cancer refugees continue to send him correspondence seeking aid for cancer. For that reason, Dr. Simoncini realized he must take a stand.
Now, in Japan, the world’s first Simoncini Cancer Center utilizing Dr. Simoncini’s “Simoncini Protocol will be opened. Furthermore, Chironcology Inc. will open an official training school for the instruction of the “Simoncini Protocol”, in order to provide aid to as many cancer refugees with nowhere else to go.
Friday, 22 February 2013
सावधान आप तेल नहीं जहर खा रहे है I
सावधान आप तेल नहीं जहर खा रहे है -
भारत के लोगो का तेल का कारोबार छीनने वाली कंपनियो ने विज्ञापन और
प्रलोभन देकर हीरो हीरोइन और खिलाड़ियो के द्वारा आपको जिन कंपनियो के तेल
की और आकर्षित किया है असल मे वो जहर है ये बात हम नहीं कह रहे बल्कि ये
बात खुद सरकारी जांच एजेंसियो ने मानी है
आप जो खाने का तेल इस्तेमाल करते हैं वो आपकी सेहत के लिए खतरनाक है” - यह कहना है कि सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट (सीएसई) का।
सीएसई की यह रिपोर्ट वनस्पति, वेजिटेबिल ऑयल, देशी घी और मक्खन के 30
ब्रांड पर किए गए परीक्षण पर आधारित है। सीएसई का कहना है कि सरकार की ओर
से कोई मानक तय नहीं होने की वजह से कम्पनियां इसका फायदा उठा रही हैं।
खाने के तेल पर सीएसई के यह परीक्षण में वनस्पति के सात, वेजिटेबल ऑयल के
21, देशी घी के एक और मक्खन के एक ब्रांड पर किए गए। नतीजे बताते हैं कि
अडानी विल्मर के उत्पाद राग में सबसे ज्यादा 23.31 प्रतिशत ‘ट्रांस फैट’
पाया गया जबकि मवाना शुगर्स के उत्पाद ‘पनघट’ में 23.7 फीसदी और एग्रोटेक
फूड्स के उत्पाद रथ में 15.9 प्रतिशत ‘ट्रांस फैट’ है।
किसमें कितना फैट?
राग (अडानी विल्मर) 23.31 फीसदी, पनघट (मवाना शुगर्स) 23.7 फीसदी, रथ (एग्रोटेक फूड्स) 15.9 फीसदी।
सीएसई का कहना है कि ट्रांस फैट की मात्रा आपको दिल का मरीज बनाती है।
आपके खाने में एक दिन में पांच ग्राम ट्रांस फैट की मात्रा बढ़ने से दिल की
बीमारी का खतरा 25 फीसदी बढ़ जाता है। सीएसई के मुताबिक, भारत में ‘ट्रांस
फैट’ की मात्रा बताने के लिए इसे उत्पाद के आवरण पर दर्शाने (लेबलिंग) का
नियम है। लेकिन रथ ने अपने पैक में इसकी मात्रा 8 से 33 फीसदी और डालडा ने
15 से 55 फीसई बताई है।
सीएसई का कहना है कि सरकार ने अभी तक भारत में इसके लिए कोई मानक ही नहीं बनाया है।
सीएसई के इस खुलासे के बाद स्वास्थ्य मंत्री अंबुमणि रामदॉस भी मान रहे
हैं कि ये वाकई बड़ा खतरा है। साल 2006 में स्वास्थ्य मंत्रालय की समिति ने
इंडस्ट्री से इस बारे में ब्योरा मांगा था लेकिन आज तक यह जानकारी उसे नहीं
मिल सकी है। इससे साफ है कि सरकार इस मुद्दे पर कतई गम्भीर नहीं है।
भारत मे विदेशी कंपनिया और देश के बड़े उघोगपति घराने पैसा कमाने की चाह मे
भारत वासियो के स्वास्थ के साथ खिलवाड़ कर रहे है ये बात कह रही है खुद भारत
की सरकारी जांच एजेंसी "center of science and environment" सी एस ई "
-------------------
दुनिया के लगभग हर देश मे ट्रांस्फेट मिला
हुआ तेल ,घी या कोई भी पदार्थ नहीं बेचा जा सकता है डेन्मार्क जैसे देश ने
ट्रांस्फेट के लिए मानक तय किए हुए है ! लेकिन भारत जैसे बुद्धिजीवियो और
पर्यावरण विदो ,इंजीनियरो और डाक्टरों के देश मे ट्रांस्फेट की मात्रा 35%
तक क्यूँ है । भारत के लोगो को क्या ट्रांस्फेट जैसे जहर की आवश्यकता है या
फिर भारत वासियो को अपने जीवन से प्यार नहीं है क्योकि इसे खाने के बाद तो
केन्सर हो जाना एल्झाइमर हो जाना ,हार्ट अटेक आ जाना मामूली बात है ।
फिर भारत मे ट्रांस्फेट क्यूँ जब अमेरिका मे इस ट्रांस्फेट पर पाबंदी है तो भारत मे क्यूँ नहीं ?
इसका जवाब है भारत की सरकार न लचीलापन और विदेशी कंपनियो का दबाव ...........................
इसलिए भारतवासियों आप से विनम्र निवेदन है की सरकार को छोड़िए अब "शहीद
राजीव दीक्षित जैविक संस्थान " के साथ मिल कर आप और हम देश और समाज की
रक्षा कर सकते है और गरीब भारत वासियो को रोजगार भी दे सकते है
Tuesday, 19 February 2013
मन्त्र जाप का प्रभाव
मन्त्र जाप का प्रभाव:-
12 राशियों में 9 ग्रहों के विचरने से 108 प्रकार की शुभ अशुभ स्थितियों
का निर्माण होता है जो हर मानव को प्रभावित करती है। हर व्यक्ति यह चाहता
है की उसके साथ सिर्फ अच्छी परिस्थितियाँ हो , पर बुरी परिस्थितियाँ भी आ
जाती है और हर कोई मन मसोस कर कहता है की होनी को कौन टाल सकता है। पर बुरी
परिस्थितियों को टाला जा सकता है या उसका प्रभाव इतना कम किया जा सकता है
की वे नाम मात्र का नुकसान कर चली जाए।
कलयुग में होने का एक ही फायदा
है की हम मन्त्र जप कर बड़े बड़े तप अनुष्ठान का लाभ पा सकते है। मन्त्र अगर
गुरु ने दीक्षा दे कर दिया हो तो और प्रभावी होता है।जिन्होंने मंत्र सिद्ध
किया हुआ हो, ऐसे महापुरुषों के द्वारा मिला हुआ मंत्र साधक को भी
सिद्धावस्था में पहुँचाने में सक्षम होता है | सदगुरु से मिला हुआ मंत्र
‘सबीज मंत्र’ कहलाता है क्योंकि उसमें परमेश्वर का अनुभव कराने वाली शक्ति
निहित होती है |मन्त्र जप से एक तरंग का निर्माण होता है जो मन को उर्ध्व
गामी बनाते है।जिस तरह पानी हमेशा नीचे की बहता है उसी तरह मन हमेशा पतन की
ओर बढ़ता है अगर उसे मन्त्र जप की तरंग का बल ना मिले।
कई लोग टीका टिप्पणी करते है की क्या हमें किसी से कुछ चाहिए तो क्या उसका
नाम बार बार लेते है ? पर वे नासमझ है और मन्त्र की तरंग के विज्ञान से
अनजान है।
मंत्र जाप का प्रभाव सूक्ष्म किन्तु गहरा होता है।
जब लक्ष्मणजी ने मंत्र जप कर सीताजी की कुटीर के चारों तरफ भूमि पर एक
रेखा खींच दी तो लंकाधिपति रावण तक उस लक्ष्मणरेखा को न लाँघ सका। हालाँकि
रावण मायावी विद्याओं का जानकार था, किंतु ज्योंहि वह रेख को लाँघने की
इच्छा करता त्योंहि उसके सारे शरीर में जलन होने लगती थी।
मंत्रजप से पुराने संस्कार हटते जाते हैं, जापक में सौम्यता आती जाती है और उसका आत्मिक बल बढ़ता जाता है।
मंत्रजप से चित्त पावन होने लगता है। रक्त के कण पवित्र होने लगते हैं।
दुःख, चिंता, भय, शोक, रोग आदि निवृत होने लगते हैं।सुख-समृद्धि और सफलता
की प्राप्ति में मदद मिलने लगती है।
जैसे, ध्वनि-तरंगें दूर-दूर
जाती हैं, ऐसे ही नाद-जप की तरंगें हमारे अंतर्मन में गहरे उतर जाती हैं
तथा पिछले कई जन्मों के पाप मिटा देती हैं। इससे हमारे अंदर शक्ति-सामर्थ्य
प्रकट होने लगता है और बुद्धि का विकास होने लगता है। अधिक मंत्र जप से
दूरदर्शन, दूरश्रवण आदि सिद्धयाँ आने लगती हैं, किन्तु साधक को चाहिए कि इन
सिद्धियों के चक्कर में न पड़े, वरन् अंतिम लक्ष्य परमात्म-प्राप्ति में ही
निरंतर संलग्न रहे।
मंत्रजापक को व्यक्तिगत जीवन में सफलता तथा
सामाजिक जीवन में सम्मान मिलता है।मंत्रजप मानव के भीतर की सोयी हुई चेतना
को जगाकर उसकी महानता को प्रकट कर देता है। यहाँ तक की जप से जीवात्मा
ब्रह्म-परमात्मपद में पहुँचने की क्षमता भी विकसित कर लेता है।
इसलिए रोज़ किसी एक मन्त्र का हो सके उतना अधिक से अधिक जाप करने की अच्छी आदत अवश्य विकसित करें।
Friday, 15 February 2013
Wednesday, 13 February 2013
वसंत पंचमी का महत्त्व I
वसंत पंचमी का महत्त्व
- विद्या है तो सब कुछ है , इसलिए वेलेंटाइन डे मनाना ना मनाना अपना व्यक्तिगत फैसला हो सकता है ; पर सरस्वती पूजा अवश्य करें।
- वसंत पंचमी पर सरस्वती पूजा का महत्त्व है।वसंत पंचमी तिथि के दिन माता
सरस्वती का जन्म हुआ, इसलिये बसंत पंचमी का दिन विद्या जयंती के नाम से भी
जाना जाता है।
- कलयुग में
वाचालता ही बुद्धिमत्ता का परिचायक है।कई बार सही समय पर सही जवाब नहीं
दे पाने से बात बिगड़ जाती है।वाणी को प्रभावी बनाने वाली देवी सरस्वती है।
- आज धनी से धनी व्यक्ति भी अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दिलाना चाहता है।विद्या की देवी सरस्वती है।
- विद्वान व्यक्ति ही सब कुछ पा सकता है। अर्थात सांसारिक सुखों की
प्राप्ति के लिए और आध्यात्मिक उन्नति कर इस जीवन के बाद के जीवन को भी
उन्नत बनाने वाली देवी सरस्वती है।
- बालक-बालिका इस दिन से विद्या का आरंभ करते हैं।
- संगीतकार अपने वाद्ययंत्रों का पूजन करते हैं।
- स्कूलों और गुरुकुलों में सरस्वती और वेद पूजन किया जाता है।
- हिन्दू मान्यता के अनुसार वसंत पंचमी को अबूझ मुहूर्त माना जाता है। इस दिन बिना मुहूर्त जाने शुभ और मांगलिक कार्य किए जाते हैं।
भारतीय संस्कार I
भारतीय जब संस्कार भुलाते हैं तो WESTERN हो जाते हैं,
जाने क्यूँ अच्छाई छोड फूहड्पन अपनाते हैं,
जानवरों का चमडा और फटी JEANS पहन इतराते हैं,
विनाशकाले विपरित बुद्धि, फैशन उसे बतलाते हैं।
रिश्ते नाते छोड जब पैसे के पीछे जाते हैं,
मां-बाप, गुरु का अनादर कर नयी पीढ़ी खुद को बताते हैं,
कपडे छोटे करने से क्या ज्यादा MODERN हो जाते हैं,
संस्कृति की ये हालत देख सच्चे भारतीय शर्माते हैं।
पश्चिमी सभ्यता में पैसा सब है यहां संस्कार सिखाए जाते हैं,
वहां नग्नता की सभ्यता है यहां चरित्र बनाए जाते हैं,
भगत सिहं का देश है ये यहां ITALIAN क्यूँ लाये जाते हैं,
सबका भला करना संस्कृति है हमारी वहां हथियार बनाये जाते हैं।
हजारों भूखे मरते हैं यहां और दिल्ली वाले सो जाते हैं,
खून उनका विदेशी है, न ही भारतीय ऐसा सह पाते हैं,
युवाओं सुनो, सोचो ओर समझो,क्यूँ विदेशी अपनाकर ईतराते हो,
भारतीय हो, भारतीयता अपनाओ क्यूँ पत्थर को पारस बताते हो ?
प्यार और संस्कार सभ्यता है हमारी, वहां सिर्फ पैसा और नग्नता है,
पिछले अच्छे कर्मों के कारण ईंसान भारत में जनमता है,
क्या अच्छा है क्या बुरा है ये हर भारतीय पहचानता है,
किन्तु
जिस सभ्यता की तरफ जा रहे हो वहां बेटा मां को नहीं जानता है।
250 साल से अँग्रेजी माध्यम और अग्रेंज़ी पद्धति मे शिक्षा ग्रहण करने के
कारण भारतीय युवाओ मे यूरोप की गंदी सभ्यता घुस गयी है जिसे जल्द ही बाहर
करना पड़ेगा वरना भारत माँ की संस्कृति और सभ्यता नष्ट हो जाएगी
भारत उस महान संस्कृति का संवाहक है जहा स्वामी विवेकानन्द, वीर शिवाजी
,राणा प्रताप ,बिरसा मुंडा , रानी पद्मिनी जैसे महान यौद्धाओ ने जन्म लिया
है
भारत की सरकार कोंडम ,गर्भनिरोधक गोलियो ,और नशीली दवाओ के व्यापारियो के दबाव मे इसे लागू करवा रही
॥ सोचिए जरा ! मेरा भारत महान ॥
वन्दे मातरम
Tuesday, 12 February 2013
11 plant based foods for gastrointestinal tract.
11
plant based foods that help the smooth functioning of gastrointestinal
tracts. This leads to efficient nutrient absorption, quick processing
and disposal of waste helping flush out impurities and toxins, ease
constipation, help detoxification, and rejuvenate the entire digestive
system.
1- Senna Leaves- increase fluid activity, softening elimination for ease of movement
2- Buckthorne Bark- eases constipation
3- Triphala- detoxification
4- Peppermint Leaves- curbs gas and fights spasms in your intestinal tract
5- Psyillium Husk- detox, cleanses and refreshes your total digestive system
6- Acacia Gum- loose bowels and refreshes the digestive tract
7- Papaya- breaks down food so your digestive system doesn't have to struggle
8- Aloe Vera- alkalize digestive juices and help the colon flushing out impurities and mucus
9- Fennel Seed- gas relief, gastrointestinal calming and cramps
10- Slippery Elm- coats irritated digestive system lining
11- Ginger Root- prevents indigestion. It can help prevent muscle spasms in the colon.
Cheers to LIFE>>>>
1- Senna Leaves- increase fluid activity, softening elimination for ease of movement
2- Buckthorne Bark- eases constipation
3- Triphala- detoxification
4- Peppermint Leaves- curbs gas and fights spasms in your intestinal tract
5- Psyillium Husk- detox, cleanses and refreshes your total digestive system
6- Acacia Gum- loose bowels and refreshes the digestive tract
7- Papaya- breaks down food so your digestive system doesn't have to struggle
8- Aloe Vera- alkalize digestive juices and help the colon flushing out impurities and mucus
9- Fennel Seed- gas relief, gastrointestinal calming and cramps
10- Slippery Elm- coats irritated digestive system lining
11- Ginger Root- prevents indigestion. It can help prevent muscle spasms in the colon.
Cheers to LIFE>>>>
Tuesday, 5 February 2013
10 HEALTH BENEFITS OF GINGER
10 HEALTH BENEFITS OF GINGER:-
1.Ovarian Cancer Treatment
Ginger may be powerful weapon in the treatment of ovarian cancer. A study conducted at the University of Michigan Comprehensive Cancer Center found that ginger powder induces cell death in all ovarian cancer cells to which it was applied.
2.Colon Cancer Prevention
A study at the University of Minnesota found that ginger may slow the growth of colorectal cancer cells.
3.Morning Sickness
A review of several studies has concluded that ginger is just as effective as vitamin B6 in the treatment of morning sickness.
4.Motion Sickness Remedy
Ginger has been shown to be an effective remedy for the nausea associated with motion sickness.
5.Reduces Pain and Inflammation
One study showed that ginger has anti-inflammato ry properties and is a powerful natural painkiller.
6.Heartburn Relief
Ginger has long been used as a natural heartburn remedy. It is most often taken in the form of tea for this purpose.
7.Cold and Flu Prevention and Treatment Ginger has long been used as a naturaltreatmen t for colds and the flu. Many people also find ginger to be helpful in thecase of stomach flus or food poisoning, which is not surprising given the positive effects ginger has upon the digestive tract.
8.Migraine Relief
Research has shown that ginger may provide migraine relief due to its ability to stop prostaglandins from causing pain and inflammation in blood vessels.
9.Menstrual Cramp Relief
In Chinese medicine, ginger tea with brown sugar is used in the treatment of menstrual cramps.
10.Prevention of Diabetic Nephropathy
A study done on diabetic rats found that those rats given ginger had a reduced incidence of diabetic nephropathy (kidney damage).
हम नमस्ते क्यों करते है ?
हम नमस्ते क्यों करते है ?
शास्त्रों में पाँच प्रकार के अभिवादन बतलाये गए है जिन में से एक है "नमस्कारम"।
नमस्कार को कई प्रकार से देखा और समझा जा सकता है। संस्कृत में इसे
विच्छेद करे तो हम पाएंगे की नमस्ते दो शब्दों से बना है नमः + ते। नमः का मतलब होता है मैं (मेरा अंहकार) झुक गया। नम का एक और अर्थ हो सकता
है जो है न + में यानी की मेरा नही। आध्यात्म की दृष्टी से इसमें मनुष्य
दुसरे मनुष्य के सामने अपने अंहकार को कम कर रहा है। नमस्ते करते समय में
दोनों हाथो को जोड़ कर एक कर दिया जाता है जिसका अर्थ है की इस अभिवादन के
बाद दोनों व्यक्ति के दिमाग मिल गए या एक दिशा में हो गये।
हम बड़ों के पैर क्यों छूते है ?
भारत में बड़े बुजुर्गो के पाँव छूकर आशीर्वाद प्राप्त किया जाता है।
ये दरअसल बुजुर्ग, सम्मानित व्यक्ति के द्वारा किए हुए उपकार के
प्रतिस्वरुप अपने समर्पण की अभिव्यक्ति होती है। अच्छे भावः से किया हुआ
सम्मान के बदले बड़े लोग आशीर्वाद देते है जो एक सकारात्मक ऊर्जा होती है।
आदर के निम्न प्रकार है :
* प्रत्युथान : किसी के स्वागत में उठ कर खड़े होना
* नमस्कार : हाथ जोड़ कर सत्कार करना
* उपसंग्रहण : बड़े, बुजुर्ग, शिक्षक के पाँव छूना
* साष्टांग : पाँव, घुटने, पेट, सर और हाथ के बल जमीन पर पुरे लेट कर सम्मान करना
* प्रत्याभिवादन : अभिनन्दन का अभिनन्दन से जवाब देना
किसे किसके सामने किस विधि से सत्कार करना है ये शास्त्रों में विदित
है। उदाहरण के तौर पर राजा केवल ऋषि मुनि या गुरु के सामने नतमस्तक होते
थे।
Friday, 1 February 2013
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