Wednesday 13 February 2013

भारतीय संस्कार I

भारतीय जब संस्कार भुलाते हैं तो WESTERN हो जाते हैं,
जाने क्यूँ अच्छाई छोड फूहड्पन अपनाते हैं,
जानवरों का चमडा और फटी JEANS पहन इतराते हैं,
विनाशकाले विपरित बुद्धि, फैशन उसे बतलाते हैं।

रिश्ते नाते छोड जब पैसे के पीछे जाते हैं,
मां-बाप, गुरु का अनादर कर नयी पीढ़ी खुद को बताते हैं,
कपडे छोटे करने से क्या ज्यादा MODERN हो जाते हैं,
संस्कृति की ये हालत देख सच्चे भारतीय शर्माते हैं।

पश्चिमी सभ्यता में पैसा सब है यहां संस्कार सिखाए जाते हैं,
वहां नग्नता की सभ्यता है यहां चरित्र बनाए जाते हैं,
भगत सिहं का देश है ये यहां ITALIAN क्यूँ लाये जाते हैं,
सबका भला करना संस्कृति है हमारी वहां हथियार बनाये जाते हैं।

हजारों भूखे मरते हैं यहां और दिल्ली वाले सो जाते हैं,
खून उनका विदेशी है, न ही भारतीय ऐसा सह पाते हैं,
युवाओं सुनो, सोचो ओर समझो,क्यूँ विदेशी अपनाकर ईतराते हो,
भारतीय हो, भारतीयता अपनाओ क्यूँ पत्थर को पारस बताते हो ?

प्यार और संस्कार सभ्यता है हमारी, वहां सिर्फ पैसा और नग्नता है,
पिछले अच्छे कर्मों के कारण ईंसान भारत में जनमता है,
क्या अच्छा है क्या बुरा है ये हर भारतीय पहचानता है,
किन्तु
जिस सभ्यता की तरफ जा रहे हो वहां बेटा मां को नहीं जानता है।


250 साल से अँग्रेजी माध्यम और अग्रेंज़ी पद्धति मे शिक्षा ग्रहण करने के कारण भारतीय युवाओ मे यूरोप की गंदी सभ्यता घुस गयी है जिसे जल्द ही बाहर करना पड़ेगा वरना भारत माँ की संस्कृति और सभ्यता नष्ट हो जाएगी

भारत उस महान संस्कृति का संवाहक है जहा स्वामी विवेकानन्द, वीर शिवाजी ,राणा प्रताप ,बिरसा मुंडा , रानी पद्मिनी जैसे महान यौद्धाओ ने जन्म लिया है

भारत की सरकार कोंडम ,गर्भनिरोधक गोलियो ,और नशीली दवाओ के व्यापारियो के दबाव मे इसे लागू करवा रही

॥ सोचिए जरा ! मेरा भारत महान ॥
वन्दे मातरम

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