Bionrg International was established in March 2007 with a dedicated effort to excel standards of Health and wellness products. The Director of the company is Dr. Aryan Mittal specialized in Naturopathy (D.N.Y.S), Hypnotherapy (Hypnosis), Pranic Healing, Tibetan Yoga and Meditation.
Thursday, 18 July 2013
Wednesday, 17 July 2013
Ways to Cure Insomnia and Get Sound Sleep
Insomnia is a widespread sleeping disorder that affects people of all age groups. A person suffering from insomnia finds it difficult to either fall asleep or maintain a sound sleep for long time. This sleeping disorder is a symptom of several diseases. Based on the duration for which it stays, this problem can be classified as transient insomnia, acute insomnia and chronic insomnia. People who suffer from transient insomnia experience difficulty in sleeping for a few days mainly because of changes in their sleeping habits. Acute insomnia stays for a few weeks or months, whereas chronic insomnia lasts for years.
Causes of Insomnia
There are several factors that can result in insomnia. Tension related to family life, financial problems, work pressure, health, and demise of a beloved one are the most common reasons behind insomnia. Other causes include fear, hyperthyroidism, neurological disorders, and unpleasant surroundings. Another cause of insomnia is the use of prescription drugs that contain stimulating ingredients like caffeine and herbs.
Ways to Cure Insomnia
Insomnia can be treated in many ways like medications, therapies, exercise, etc. Some good methods to cure insomnia are discussed below.
Relaxation Techniques
Relaxation techniques can be helpful in curing insomnia, especially when stress is the main reason for this disorder. Meditation, yoga exercises, and deep breathing significantly reduce stress levels and improve sleep. Meditating for just about 15 minutes before you go to bed can relax your mind and body. Mental and physical relaxation always promotes good sleep.
Exercise Regularly
Exercising regularly is one of the best remedy for insomnia. Exercising and being more active for the whole day can make you feel tired at night and allow you to fall asleep immediately after going to bed.
Magnesium Diet
Magnesium deficiency is known to trigger insomnia in many people. In such cases, eating a diet that is high in magnesium can promote better sleep.
Cognitive Behavior Therapy
Cognitive behavior therapy tries to develop good sleeping habits in people suffering from insomnia. Cognitive behavior therapy is a better and safer insomnia cure than medications.
Sleep Restriction Treatment
Many a times, people go to bed too early and fail to fall asleep for a long time. Sleep restriction treatment involves going to bed a bit late than usual and waking up earlier than the daily routine. Following this practice over a period of time can help to develop a normal sleep pattern.
Pre-Sleeping Activities
If you find it hard to fall asleep soon after going to bed, then it is a good idea to indulge in activities like listening to calm music or reading a book. Ensure that you don’t select a book based on action or horror story as it can make it even more difficult for you to fall asleep.
Avoid Caffeine Intake before Bedtime
Being a stimulant, caffeine ruins your sleep. Hence, it is always advised to avoid having chocolate or coffee before your bedtime.
Insomnia can lead to the development of some mild and severe health problems. Sleepless nights cause a person to feel tired and irritable, thereby affecting the productivity and also taking the interest away from daily activities. Many people who suffer from this sleeping disorder fall prey to alcoholism and other harmful addictions, which only goes on to complicate the existing problem. Therefore, it is necessary to take measures to treat insomnia early enough.
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Saturday, 13 July 2013
कुछ मिथक एवं तथ्य- माहवारी (पीरियड्स) के बारे में मनगढ़ंत बातें एवं सच्चाईया
मनगढ़ंत बात - माहवारी (पीरियड्स) के दौरान गर्भवती होना असंभव है!
सच्चाई - अंडोत्सर्जन (आॅव्युलेशन) किसी भी समय हो सकता है।
मनगढ़ंत बात - मासिक धर्म चक्र हमेशा 28 दिनों में होना चाहिए।
सच्चाई - मासिक धर्म चक्र हर महिला में अलग-अलग समय पर होता है, 28 दिन केवल एक औसत समय है।
मनगढ़ंत बात - मासिक धर्म के दौरान किसी भी तरह की गतिविधि करने से बचें और बिस्तर में आराम करें।
सच्चाई - व्यायाम से लक्षणों में मदद मिल सकती है, इससे आपका दर्द बदतर नहीं होगा। यदि कोई महिला
रक्त की कमी (एनीमिया) से पीडि़त नहीं है, तो माहवारी के दौरान उसे कमजोरी नहीं होगी। माहवारी के दौरान असामांय रक्तस्राव के कारण रक्त की कमी (एनीमिया) की शिकायत हो जाती है।
मनगढ़ंत बात - सभी महिलाओं को माहवारी (पीरियड्स) के दौरान पीड़ा होती है।
सच्चाई - अधिकांश महिलाओं को मामुली परेशानी होती है और इससे उनकी नियमित गतिविधियों पर कोई असर नहीं पड़ता है। कुछ महिलाओं को बहुत ज्यादा दर्द और अन्य शिकायतें होती हैं
मनगढ़ंत बात - मासिक धर्म के दौरान आपको यौन सम्बन्ध नहीं बनाने चाहिए।
सच्चाई - यदि दोनों साथियों की यौन सम्बन्ध बनाने की इच्छा है, तो ऐसा न करने का कोई चिकित्सीय कारण नहीं है, और संभोग से कभी-कभी तो ऐंठन की शिकायत दूर होती है।
मनगढ़ंत बात - स्नान करने से माहवारी की ऐंठन पैदा होती है या बदतर हो जाती है।
सच्चाई - गर्म पानी से स्नान करने से मांसपेशियों को आराम मिलता है और दर्द कम होता है।
मनगढ़ंत बात - माहवारी (पीरियड्स) के दौरान आसानी से ठंड लग जाती है और इसीलिए ठंडे पानी और पेय पदार्थों से परहेज करना चाहिए।
सच्चाई - कुछ महिलाओं को ठंड पदार्थों से दर्द की स्थिति बढ़ जाती है लेकिन ऐसा नहीं है कि आपको ठंड ही लग जाए।
मनगढ़ंत बात - माहवारी (पीरियड्स) के दौरान आपको अपने पैर गीले नहीं करने चाहिए।
सच्चाई - ऊपर देखें; टेम्पेक्स बुकलेट्स और अन्य अतीत की पत्राचार सामग्रियों ने इसे लोकप्रिय बनाया है।
मनगढ़ंत बात - जन्म नियंत्रक गोलियां लेने वाली महिलाओं को माहवरी (पीरियड) होनी चाहिए।
सच्चाई - वे महिलाएं जो कि जन्म नियंत्रक गोलियों का सेवन कर रही हैं, को गर्भाशय विकास का अनुभव नहीं होता है और इसीलिए उन्हें परत (लाइनिंग) को बहाने के लिए माहवारी की जरूरत नहीं होती है। गोली के साथ होने वाला रक्तस्राव ‘‘वास्तविक’’ माहवारी नहीं है, और महिला के स्वास्थ्य के लिए आवश्यक नहीं है।
मनगढ़ंत - माहवारी के दौरान महिलाएं हमेशी चिड़चिड़ी होती हैं।
सच्चाई - सभी महिलाएं पीएमएस लक्षण या इसी प्रकार के लक्षणों का अनुभव नहीं करतीं। ‘‘महीने के उन दिनों में’’ आप सभी महिलाओं को स्वभाव को चिड़चिड़ा होना के रूप में वर्णित नहीं कर सकते। किसी अन्य समय की तरह ही माहवारी के दौरान भी वे सामान्य स्वभाव बनाकर रखने में सक्षम होती हैं, वे मानसिकरूप से कमजोर नहीं होती हैं।
मनगढ़ंत बात - माहवरी के दौरान बालों को न धोएं न संजाएं-संवारें।
सच्चाई - यह मिथक सिर्फ अंधविश्वास है।
मनगढ़ंत बात - माहवारी के रक्त से बदबू आती है।
सच्चाई - पैड्स एवं टैम्पाॅन के उपयोग से जीवाणु (बैक्टीरिया) बनते है जिसके परिणामस्वरूप दुर्गंध विकसित होती है, रक्त में दुर्र्गंध नहीं होती।
मनगढ़ंत बात - मासिक धर्म रक्त विषाक्त या अशुद्ध होता है।
सच्चाई - किसी अन्य रक्त की तरह यह अशुद्ध नहीं होता, टेम्पाॅन शरीर में गंदे रक्त को नहीं रखते हैं। किसी अतिरिक्त साफ-सफाई या डियोडरेंट की जरूरत नहीं होती है। सिर्फ अपने उत्पादों की मार्केटिंग के लिए ही ऐसा भय उत्पन्न किया जाता है।
मनगढ़ंत बात - माहवारी के दौरान, आपको कुछ विशेष खाद्य पदार्थ (मांस, दूध से बने पदार्थ)नहीं खाने चाहिए।
सच्चाई - जो चाहो वो खाओ, आपको कोई नुकसान नहीं होने वाला। वास्तव में विटामिन से दर्द को राहत मिलती है, इसीलिए आयरन के लिए मांस और कैल्शियम के लिए दूध आदि का सेवन करें।
मनगढ़ंत बात - गर्भवती महिला को रक्तस्राव नहीं होता।
सच्चाई - धब्बे या हल्का रक्त स्राव सामान्य है, लेकिन सुनिश्चित होने के लिए डाक्टर से मिलें।
मासिक धर्म चक्र के दौरान आहार:-
यह बात हर कोई जानता है कि हमारी खानपान की आदतें सीधेतौर पर हमारे शरीर को प्रभावित करती हैं। जब आपके मासिक धर्म चक्र की बात आती है, तो इस पर भी यही नियम लागू होता है। यदि आप चाहती हैं कि आपको कम पीड़ादायक मासिक धर्म चक्र (पीरियड) हों, तो आपको विशेष प्रकार का आहार लेना होगा।
आपके अपने पीएमएस को नियंत्रित करने और समग्र स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए, आपको माहवारी (पीरियड्स) के दौरान निम्नलिखित आहार दिशा-निर्देशों का पालन करना चाहिएः
1).दिन में तीन बार भोजन करने की अपेक्षा यदि आप दिनभर में थोड़ा-थोड़ा करके छह बार आहार लेंगी, तो इससे आपका ब्लड शुगर ठीक बना रहेगा और आपका मिज़ाज भी अच्छा रहेगा।
2).यदि आप दूध का सेवन नहीं करती हैं, तो सोया, राइस मिल्क, टोफू या गोभी से अपने शरीर में कैल्शियम की मात्रा बढ़ाएं। किण्वित (फरमेंटेड) सोया का सेवन करने पर विचार करें क्योंकि विशेष प्रकार के सोया उत्पादों में फाइटोएस्ट्रोजेंस होते हैं, जोकि आपके शरीर में प्राकृतिकतौर से पाये जाने वाले एस्टोजेन का निर्माण कर सकते हैं, और इससे आपको प्रजनन सम्बन्धी स्वास्थ्य कठिनाइयां नहीं होंगी। यदि आपके शरीर में बहुत ज्यादा मात्रा में अथवा बहुत कम मात्रा में एस्ट्रोजन हैं, तो आपको अपनी प्रजनन क्षमता से समझौता करना पड़ सकता है।
3). कभी-कभी विटामिन बी6 का सेवन करने का परामर्श दिया जाता है, लेकिन इस बात के बहुत ही कम निर्णायक प्रमाण हैं कि बी6 का सप्लीमेंट वास्तव में प्रभावी है। साथ ही, प्रतिदिन 100 मिग्रा से अधिक का सेवन तंत्रिका (नर्व) क्षति का कारण बन सकता है, हालांकि यह स्थाई नहीं है, लेकिन जोखिम तो बना ही रहता है। आपके शरीर को विटामिन बी6 की पर्याप्त मात्रा प्रदान करने के लिए आपका आहार ही पर्याप्त होना चाहिए।
4). विटामिन ई लाभदायक हो भी सकती है, और नहीं भी। पीएमएस के इलाज के रूप में, विटामिन ई की प्रभावशीलता पर किए गए अध्ययन से अलग-अलग परिणाम प्राप्त हुए हैं। विटामिन बी6 से भिन्न, विटामिन ई के कोई दुष्प्रभाव नहीं हैं।
5).कभी-कभी मैग्नीशियम का सेवन करने की सलाह दी जाती है, हालांकि इसका भी उच्च सहनशीलता स्तर (300 मिग्रा) होता है और उच्च खुराक लेने पर यह दस्तावर साबित हो सकती है। यदि आप मैग्नीशियम सप्लीमेंट लेने का प्रयास कर रही हैं, तो ध्यान रहे कि आपके सभी खाद्य स्रोतों में इसकी मात्रा 350 मिग्रा से ज्यादा न हो।
6).शराब का सेवन न करें। इसका प्रभाव निराशाजनक होता है और इससे आपकी माहवारी के लक्षण बदतर हो सकते हैं।
अपने चक्र को नियंत्रित करना
शोध बतलाते हैं कि अधिक रेशेदार (फाइबर) और निम्न वसा वाला आहार अनियमित मासिक धर्म का कारण बन सकता है। एक अध्ययन में 210 महिलाओं से, जिनकी उम्र 17 और 22 के मध्य थी, से उनकी आहार सम्बन्धी आदतों और मासिक धर्म चक्र के इतिहास के बारे में पूछा गया। ऐसी महिलाओं ने जिन्होंने अनियमित माहवारी के बारे में बताया वे अपने भोजन में ज्यादा कच्चा एवं आहार (फाइबर) ले रही थीं, जबकि वे महिलाएं जोकि अधिक वसा युक्त (सेचुरेटेड) आहार ले रही थीं, का मासिक धर्म चक्र नियमित था।
शोध बतलाते हैं कि जितना अधिक आप वसा का सेवन करती हैं, उतना ही अधिक आपका शरीर एस्ट्रोजन का निर्माण करता है। साथ ही फाइबर शरीर को अतिरिक्त एस्ट्रोजन को साफ करने में मदद करता है। लीवर पित्त नली और आंत्र मार्ग के माध्यम से रक्त में से एस्ट्रोजन को खींचता है, जहां फाइबर इसे सोख लेता है और शेष को कचरे के रूप में शरीर से बाहर निकाल देता है।
अल्प समय में बहुत सारा वजन बढ़ाना या कम करना भी आपके मासिक धर्म चक्र को प्रभावित कर सकता है। ऐसी महिलाएं जोकि एनोरेक्सिक या बुलिमिक हैं अक्सर एमोहेरिया का विकास करेंगी, जिसका अर्थ है कि वे लगातार अपने तीन या अधिक माहवारी से चूक गयी हैं। आमतौर पर यह शरीर की वसा की क्षति एवं एस्ट्रोजन के निर्माण में धीमी उन्नति के कारण होता है, लेकिन बहुत ज्यादा वजन बढ़ाने से भी इसी तरह के प्रभाव सामने आते हैं।
सच्चाई - अंडोत्सर्जन (आॅव्युलेशन) किसी भी समय हो सकता है।
मनगढ़ंत बात - मासिक धर्म चक्र हमेशा 28 दिनों में होना चाहिए।
सच्चाई - मासिक धर्म चक्र हर महिला में अलग-अलग समय पर होता है, 28 दिन केवल एक औसत समय है।
मनगढ़ंत बात - मासिक धर्म के दौरान किसी भी तरह की गतिविधि करने से बचें और बिस्तर में आराम करें।
सच्चाई - व्यायाम से लक्षणों में मदद मिल सकती है, इससे आपका दर्द बदतर नहीं होगा। यदि कोई महिला
रक्त की कमी (एनीमिया) से पीडि़त नहीं है, तो माहवारी के दौरान उसे कमजोरी नहीं होगी। माहवारी के दौरान असामांय रक्तस्राव के कारण रक्त की कमी (एनीमिया) की शिकायत हो जाती है।
मनगढ़ंत बात - सभी महिलाओं को माहवारी (पीरियड्स) के दौरान पीड़ा होती है।
सच्चाई - अधिकांश महिलाओं को मामुली परेशानी होती है और इससे उनकी नियमित गतिविधियों पर कोई असर नहीं पड़ता है। कुछ महिलाओं को बहुत ज्यादा दर्द और अन्य शिकायतें होती हैं
मनगढ़ंत बात - मासिक धर्म के दौरान आपको यौन सम्बन्ध नहीं बनाने चाहिए।
सच्चाई - यदि दोनों साथियों की यौन सम्बन्ध बनाने की इच्छा है, तो ऐसा न करने का कोई चिकित्सीय कारण नहीं है, और संभोग से कभी-कभी तो ऐंठन की शिकायत दूर होती है।
मनगढ़ंत बात - स्नान करने से माहवारी की ऐंठन पैदा होती है या बदतर हो जाती है।
सच्चाई - गर्म पानी से स्नान करने से मांसपेशियों को आराम मिलता है और दर्द कम होता है।
मनगढ़ंत बात - माहवारी (पीरियड्स) के दौरान आसानी से ठंड लग जाती है और इसीलिए ठंडे पानी और पेय पदार्थों से परहेज करना चाहिए।
सच्चाई - कुछ महिलाओं को ठंड पदार्थों से दर्द की स्थिति बढ़ जाती है लेकिन ऐसा नहीं है कि आपको ठंड ही लग जाए।
मनगढ़ंत बात - माहवारी (पीरियड्स) के दौरान आपको अपने पैर गीले नहीं करने चाहिए।
सच्चाई - ऊपर देखें; टेम्पेक्स बुकलेट्स और अन्य अतीत की पत्राचार सामग्रियों ने इसे लोकप्रिय बनाया है।
मनगढ़ंत बात - जन्म नियंत्रक गोलियां लेने वाली महिलाओं को माहवरी (पीरियड) होनी चाहिए।
सच्चाई - वे महिलाएं जो कि जन्म नियंत्रक गोलियों का सेवन कर रही हैं, को गर्भाशय विकास का अनुभव नहीं होता है और इसीलिए उन्हें परत (लाइनिंग) को बहाने के लिए माहवारी की जरूरत नहीं होती है। गोली के साथ होने वाला रक्तस्राव ‘‘वास्तविक’’ माहवारी नहीं है, और महिला के स्वास्थ्य के लिए आवश्यक नहीं है।
मनगढ़ंत - माहवारी के दौरान महिलाएं हमेशी चिड़चिड़ी होती हैं।
सच्चाई - सभी महिलाएं पीएमएस लक्षण या इसी प्रकार के लक्षणों का अनुभव नहीं करतीं। ‘‘महीने के उन दिनों में’’ आप सभी महिलाओं को स्वभाव को चिड़चिड़ा होना के रूप में वर्णित नहीं कर सकते। किसी अन्य समय की तरह ही माहवारी के दौरान भी वे सामान्य स्वभाव बनाकर रखने में सक्षम होती हैं, वे मानसिकरूप से कमजोर नहीं होती हैं।
मनगढ़ंत बात - माहवरी के दौरान बालों को न धोएं न संजाएं-संवारें।
सच्चाई - यह मिथक सिर्फ अंधविश्वास है।
मनगढ़ंत बात - माहवारी के रक्त से बदबू आती है।
सच्चाई - पैड्स एवं टैम्पाॅन के उपयोग से जीवाणु (बैक्टीरिया) बनते है जिसके परिणामस्वरूप दुर्गंध विकसित होती है, रक्त में दुर्र्गंध नहीं होती।
मनगढ़ंत बात - मासिक धर्म रक्त विषाक्त या अशुद्ध होता है।
सच्चाई - किसी अन्य रक्त की तरह यह अशुद्ध नहीं होता, टेम्पाॅन शरीर में गंदे रक्त को नहीं रखते हैं। किसी अतिरिक्त साफ-सफाई या डियोडरेंट की जरूरत नहीं होती है। सिर्फ अपने उत्पादों की मार्केटिंग के लिए ही ऐसा भय उत्पन्न किया जाता है।
मनगढ़ंत बात - माहवारी के दौरान, आपको कुछ विशेष खाद्य पदार्थ (मांस, दूध से बने पदार्थ)नहीं खाने चाहिए।
सच्चाई - जो चाहो वो खाओ, आपको कोई नुकसान नहीं होने वाला। वास्तव में विटामिन से दर्द को राहत मिलती है, इसीलिए आयरन के लिए मांस और कैल्शियम के लिए दूध आदि का सेवन करें।
मनगढ़ंत बात - गर्भवती महिला को रक्तस्राव नहीं होता।
सच्चाई - धब्बे या हल्का रक्त स्राव सामान्य है, लेकिन सुनिश्चित होने के लिए डाक्टर से मिलें।
मासिक धर्म चक्र के दौरान आहार:-
यह बात हर कोई जानता है कि हमारी खानपान की आदतें सीधेतौर पर हमारे शरीर को प्रभावित करती हैं। जब आपके मासिक धर्म चक्र की बात आती है, तो इस पर भी यही नियम लागू होता है। यदि आप चाहती हैं कि आपको कम पीड़ादायक मासिक धर्म चक्र (पीरियड) हों, तो आपको विशेष प्रकार का आहार लेना होगा।
आपके अपने पीएमएस को नियंत्रित करने और समग्र स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए, आपको माहवारी (पीरियड्स) के दौरान निम्नलिखित आहार दिशा-निर्देशों का पालन करना चाहिएः
1).दिन में तीन बार भोजन करने की अपेक्षा यदि आप दिनभर में थोड़ा-थोड़ा करके छह बार आहार लेंगी, तो इससे आपका ब्लड शुगर ठीक बना रहेगा और आपका मिज़ाज भी अच्छा रहेगा।
2).यदि आप दूध का सेवन नहीं करती हैं, तो सोया, राइस मिल्क, टोफू या गोभी से अपने शरीर में कैल्शियम की मात्रा बढ़ाएं। किण्वित (फरमेंटेड) सोया का सेवन करने पर विचार करें क्योंकि विशेष प्रकार के सोया उत्पादों में फाइटोएस्ट्रोजेंस होते हैं, जोकि आपके शरीर में प्राकृतिकतौर से पाये जाने वाले एस्टोजेन का निर्माण कर सकते हैं, और इससे आपको प्रजनन सम्बन्धी स्वास्थ्य कठिनाइयां नहीं होंगी। यदि आपके शरीर में बहुत ज्यादा मात्रा में अथवा बहुत कम मात्रा में एस्ट्रोजन हैं, तो आपको अपनी प्रजनन क्षमता से समझौता करना पड़ सकता है।
3). कभी-कभी विटामिन बी6 का सेवन करने का परामर्श दिया जाता है, लेकिन इस बात के बहुत ही कम निर्णायक प्रमाण हैं कि बी6 का सप्लीमेंट वास्तव में प्रभावी है। साथ ही, प्रतिदिन 100 मिग्रा से अधिक का सेवन तंत्रिका (नर्व) क्षति का कारण बन सकता है, हालांकि यह स्थाई नहीं है, लेकिन जोखिम तो बना ही रहता है। आपके शरीर को विटामिन बी6 की पर्याप्त मात्रा प्रदान करने के लिए आपका आहार ही पर्याप्त होना चाहिए।
4). विटामिन ई लाभदायक हो भी सकती है, और नहीं भी। पीएमएस के इलाज के रूप में, विटामिन ई की प्रभावशीलता पर किए गए अध्ययन से अलग-अलग परिणाम प्राप्त हुए हैं। विटामिन बी6 से भिन्न, विटामिन ई के कोई दुष्प्रभाव नहीं हैं।
5).कभी-कभी मैग्नीशियम का सेवन करने की सलाह दी जाती है, हालांकि इसका भी उच्च सहनशीलता स्तर (300 मिग्रा) होता है और उच्च खुराक लेने पर यह दस्तावर साबित हो सकती है। यदि आप मैग्नीशियम सप्लीमेंट लेने का प्रयास कर रही हैं, तो ध्यान रहे कि आपके सभी खाद्य स्रोतों में इसकी मात्रा 350 मिग्रा से ज्यादा न हो।
6).शराब का सेवन न करें। इसका प्रभाव निराशाजनक होता है और इससे आपकी माहवारी के लक्षण बदतर हो सकते हैं।
अपने चक्र को नियंत्रित करना
शोध बतलाते हैं कि अधिक रेशेदार (फाइबर) और निम्न वसा वाला आहार अनियमित मासिक धर्म का कारण बन सकता है। एक अध्ययन में 210 महिलाओं से, जिनकी उम्र 17 और 22 के मध्य थी, से उनकी आहार सम्बन्धी आदतों और मासिक धर्म चक्र के इतिहास के बारे में पूछा गया। ऐसी महिलाओं ने जिन्होंने अनियमित माहवारी के बारे में बताया वे अपने भोजन में ज्यादा कच्चा एवं आहार (फाइबर) ले रही थीं, जबकि वे महिलाएं जोकि अधिक वसा युक्त (सेचुरेटेड) आहार ले रही थीं, का मासिक धर्म चक्र नियमित था।
शोध बतलाते हैं कि जितना अधिक आप वसा का सेवन करती हैं, उतना ही अधिक आपका शरीर एस्ट्रोजन का निर्माण करता है। साथ ही फाइबर शरीर को अतिरिक्त एस्ट्रोजन को साफ करने में मदद करता है। लीवर पित्त नली और आंत्र मार्ग के माध्यम से रक्त में से एस्ट्रोजन को खींचता है, जहां फाइबर इसे सोख लेता है और शेष को कचरे के रूप में शरीर से बाहर निकाल देता है।
अल्प समय में बहुत सारा वजन बढ़ाना या कम करना भी आपके मासिक धर्म चक्र को प्रभावित कर सकता है। ऐसी महिलाएं जोकि एनोरेक्सिक या बुलिमिक हैं अक्सर एमोहेरिया का विकास करेंगी, जिसका अर्थ है कि वे लगातार अपने तीन या अधिक माहवारी से चूक गयी हैं। आमतौर पर यह शरीर की वसा की क्षति एवं एस्ट्रोजन के निर्माण में धीमी उन्नति के कारण होता है, लेकिन बहुत ज्यादा वजन बढ़ाने से भी इसी तरह के प्रभाव सामने आते हैं।
Quantum Magnetic Analyzer
Quantum Magnetic Analyzer (33 Reports)
The Quantum Magnetic Resonance Analyzer replaces the need for ultrasonic, nuclear magnetic resonance or radiography for various health related conditions. Simply by holding sensors in your palm, health data will be collected within minutes from various body systems.
The magnetic resonance analyzer offers new advantages in the field of material analysis. It has been shown that the applicability of such an analyzer exceeds the range of tissue analysis and other medical applications. The magnetic resonance analyzer measures the degree and type of response of a matter under test, and by comparison with reference matter it assists in recognizing deviations from the desired response.
Quantum Magnetic Analyzer: Principle of Analysis
The human body is an aggregate of numerous cells, which continuously grow develop, split, regenerate and die. By splitting up, cells renew themselves. For adults, about 25 million cells are splitting up every second and blood cells are constantly renewing at a rate of about 100 million per minute. In the process of cellular split-up and renewal, the charged bodies of nucleus and extra nuclear electrons as the basis unit of a cell are moving and changing ceaselessly at a high speed as well, emitting electromagnetic waves without interruption. The signals of electromagnetic waves emitted by human bodies represent the specific condition of humanbody and therefore, different signals of electromagnetic waves will be emitted by the conditions of good health, sub-health, diseases, etc. The conditions of life can be analyzed if such specific electromagnetic wave signals can be analyzed.
The quantum analyzer is a new instrument to analyzesuch phenomenon. The weak magnetic frequency and energy of the human body are collected by holding the sensor, and after amplification by the instrument and treatment by the built-in micro-processor, the datais compared with the standard quantum resonant spectrum of diseases, nutrition and other indicators incorporated within the instrument to judge whether the sample waveforms are irregular using the Fourierprinciple approach. Analysis and judgment can thus be made on health condition and main problems of the test based on the result of waveform analysis, as well as standard protective and curative proposals.
Analysis Items
The method of quantum resonant magnetic analysis is an emerging rapid, accurate and non-invasive spectral testing method and particularly suitable for comparison of curative effects medicine and health products, and check of sub-health conditions. The main analysis items are over 30, including cardiovascular and cerebrovascular conditions, bone
mineral density, trace elements, blood lead, rheumatism, lung and respiratory tract, nephropathy, blood sugar, stomach and intestines, liver and gall, cranial nerves, gynecology, prostate, bone disease, the trace elements of selenium, iron, zinc and calcium, etc.
Functional Characteristics
Prediction without symptoms: With only 10 or so cells of pathological change, the analyzer can capture the pathological changes of cells and predict the precursor of disease. By taking health-care actions at this moment, you will be enabled to effectively prevent the various chronic diseases. Speed and accuracy: Multiple indicators of your health can be obtained within minutes. This analysis method is designed to save your time, money and energy. The database of the analysis system has been established with scientific methods including Fourier’s principles, strict health statistic treatment and demonstration of a large number of clinical cases, leading to high accuracy.
Non-invasive and painless:
The analysis will tell you the condition of your health without ultrasonic, nuclear magnetic resonance, radiography or any invasive testing.
Simple and convenient:
It is simple in its operation and in general, people will be able to analyze and interpret the result through short-term training. Health checks can be performed in any place and at any time, saving the time of patients. The cost for analysis is reasonable and affordable and can be accepted by most consumers.
The following will be shown in your report:
Simple and convenient:
It is simple in its operation and in general, people will be able to analyze and interpret the result through short-term training. Health checks can be performed in any place and at any time, saving the time of patients. The cost for analysis is reasonable and affordable and can be accepted by most consumers.
The following will be shown in your report:-
1. Cardiovascular and Cerebrovascular Analysis
2. Gastrointestinal Function Analysis
3. Liver Function Analysis
4. Gallbladder Function Analysis
5. Pancreatic Function Analysis
6. Kidney Function Analysis
7. Lung Function Analysis
8. Brain Function Analysis
9. Bone Disease
10. Bone Mineral Density
11. Rheumatoid Bone Disease
12. Blood Sugar
13. Basic Physical Quality
14. Human Toxin
15. Trace Element
16. Heavy Metals
17. Amino Acids
18. Endocrine System Analysis
19. Immune System
20. Gynecology Analysis
21. Skin
22. Eye
23: Breast
24. Allergen
25. Vitamins
26. Obesity
27. Bone Growth Index
28. Co enzyme
29. Menstrual Cycle
30. Channels & Collateral
31. Pulses of Heart and Brain
32. Blood Lipids
33. Element of Human.
Using Method
Hold the probe stick in your hand, but according to your gender, the male will hold it in his left hand and the female needs to hold it in her right hand as the picture indicates:
After your test is completed, specialist’s recommendations will be available from the system or your Health care adviser or your doctor. A composite report can be printed where the system will show the condition of your body now and show you how to improve it.
3. Guidelines : Patient
-Test should be conducted 1 hour before or after meal
-Rest at least 1/2 hour after exercise
-Remove all metallic objects, hand phone, pocket PC etc
-Remove shoes & socks; Reveal all the 24 testing points around the wrists and ankles
-Stay calm, relax, do not talk. Lie down if possible or sit with legs elevated, both legs away from the ground
-Ladies should not take up the test during her menstrual period. Patients who have pacemakers are prohibited from doing this test as the frequency emitted from the Quantum may interfere with the pacemaker or any other electronic device within the body.
4. Those people not suitable to use this machine
-Children below 12 years
-Handicap person
-Those who have pacemakers or any other electronic device in the body
-Under Long Term Medication
-Women having their Monthly Menstruation.
Disclaimer:
These statements have not been evaluated by the Medical Control Council. This product is not intended to diagnose, treat, cure, or prevent any disease. If on any medication or pregnant please consult with your doctor before taking this test.
If you need more info then kindly get in touch. +918800953535
The Quantum Magnetic Resonance Analyzer replaces the need for ultrasonic, nuclear magnetic resonance or radiography for various health related conditions. Simply by holding sensors in your palm, health data will be collected within minutes from various body systems.
The magnetic resonance analyzer offers new advantages in the field of material analysis. It has been shown that the applicability of such an analyzer exceeds the range of tissue analysis and other medical applications. The magnetic resonance analyzer measures the degree and type of response of a matter under test, and by comparison with reference matter it assists in recognizing deviations from the desired response.
Quantum Magnetic Analyzer: Principle of Analysis
The human body is an aggregate of numerous cells, which continuously grow develop, split, regenerate and die. By splitting up, cells renew themselves. For adults, about 25 million cells are splitting up every second and blood cells are constantly renewing at a rate of about 100 million per minute. In the process of cellular split-up and renewal, the charged bodies of nucleus and extra nuclear electrons as the basis unit of a cell are moving and changing ceaselessly at a high speed as well, emitting electromagnetic waves without interruption. The signals of electromagnetic waves emitted by human bodies represent the specific condition of humanbody and therefore, different signals of electromagnetic waves will be emitted by the conditions of good health, sub-health, diseases, etc. The conditions of life can be analyzed if such specific electromagnetic wave signals can be analyzed.
The quantum analyzer is a new instrument to analyzesuch phenomenon. The weak magnetic frequency and energy of the human body are collected by holding the sensor, and after amplification by the instrument and treatment by the built-in micro-processor, the datais compared with the standard quantum resonant spectrum of diseases, nutrition and other indicators incorporated within the instrument to judge whether the sample waveforms are irregular using the Fourierprinciple approach. Analysis and judgment can thus be made on health condition and main problems of the test based on the result of waveform analysis, as well as standard protective and curative proposals.
Analysis Items
The method of quantum resonant magnetic analysis is an emerging rapid, accurate and non-invasive spectral testing method and particularly suitable for comparison of curative effects medicine and health products, and check of sub-health conditions. The main analysis items are over 30, including cardiovascular and cerebrovascular conditions, bone
mineral density, trace elements, blood lead, rheumatism, lung and respiratory tract, nephropathy, blood sugar, stomach and intestines, liver and gall, cranial nerves, gynecology, prostate, bone disease, the trace elements of selenium, iron, zinc and calcium, etc.
Functional Characteristics
Prediction without symptoms: With only 10 or so cells of pathological change, the analyzer can capture the pathological changes of cells and predict the precursor of disease. By taking health-care actions at this moment, you will be enabled to effectively prevent the various chronic diseases. Speed and accuracy: Multiple indicators of your health can be obtained within minutes. This analysis method is designed to save your time, money and energy. The database of the analysis system has been established with scientific methods including Fourier’s principles, strict health statistic treatment and demonstration of a large number of clinical cases, leading to high accuracy.
Non-invasive and painless:
The analysis will tell you the condition of your health without ultrasonic, nuclear magnetic resonance, radiography or any invasive testing.
Simple and convenient:
It is simple in its operation and in general, people will be able to analyze and interpret the result through short-term training. Health checks can be performed in any place and at any time, saving the time of patients. The cost for analysis is reasonable and affordable and can be accepted by most consumers.
The following will be shown in your report:
Simple and convenient:
It is simple in its operation and in general, people will be able to analyze and interpret the result through short-term training. Health checks can be performed in any place and at any time, saving the time of patients. The cost for analysis is reasonable and affordable and can be accepted by most consumers.
The following will be shown in your report:-
1. Cardiovascular and Cerebrovascular Analysis
2. Gastrointestinal Function Analysis
3. Liver Function Analysis
4. Gallbladder Function Analysis
5. Pancreatic Function Analysis
6. Kidney Function Analysis
7. Lung Function Analysis
8. Brain Function Analysis
9. Bone Disease
10. Bone Mineral Density
11. Rheumatoid Bone Disease
12. Blood Sugar
13. Basic Physical Quality
14. Human Toxin
15. Trace Element
16. Heavy Metals
17. Amino Acids
18. Endocrine System Analysis
19. Immune System
20. Gynecology Analysis
21. Skin
22. Eye
23: Breast
24. Allergen
25. Vitamins
26. Obesity
27. Bone Growth Index
28. Co enzyme
29. Menstrual Cycle
30. Channels & Collateral
31. Pulses of Heart and Brain
32. Blood Lipids
33. Element of Human.
Using Method
Hold the probe stick in your hand, but according to your gender, the male will hold it in his left hand and the female needs to hold it in her right hand as the picture indicates:
After your test is completed, specialist’s recommendations will be available from the system or your Health care adviser or your doctor. A composite report can be printed where the system will show the condition of your body now and show you how to improve it.
3. Guidelines : Patient
-Test should be conducted 1 hour before or after meal
-Rest at least 1/2 hour after exercise
-Remove all metallic objects, hand phone, pocket PC etc
-Remove shoes & socks; Reveal all the 24 testing points around the wrists and ankles
-Stay calm, relax, do not talk. Lie down if possible or sit with legs elevated, both legs away from the ground
-Ladies should not take up the test during her menstrual period. Patients who have pacemakers are prohibited from doing this test as the frequency emitted from the Quantum may interfere with the pacemaker or any other electronic device within the body.
4. Those people not suitable to use this machine
-Children below 12 years
-Handicap person
-Those who have pacemakers or any other electronic device in the body
-Under Long Term Medication
-Women having their Monthly Menstruation.
Disclaimer:
These statements have not been evaluated by the Medical Control Council. This product is not intended to diagnose, treat, cure, or prevent any disease. If on any medication or pregnant please consult with your doctor before taking this test.
If you need more info then kindly get in touch. +918800953535
Thursday, 11 July 2013
3 Easy Ways To Lose Weight, Look Younger & Enhance health
The world we live in today — with its chemicals, toxins and processed foods — is taking a toll on our health and how we look. In the last 50 years we've seen the rise of genetically modified foods and toxins, our soil depleted of its nutrients, and the degradation of the standard American diet. These factors have created a perfect storm, increasing free radical production and systemic inflammation, which leads to accelerated aging and chronic disease.
There's no reason why we can not live 80 to 100 disease-free, healthy years.
Here are three things you will want to do to live the long, healthy, abundant life you were meant to live!
1. Start burst training.
Burst training, or high-intensity interval training (HIIT), naturally increases human growth hormone (HGH), which has strong anti-aging and fat-burning effects on the body!
There are different ways to do burst training, but here's the technique that I use:
Step 1: Warm up for 3-5 minutes.
Step 2: Run, bike, or swim 90 percent of your capacity for 30-60 seconds.
Step 3: Rest by slow jogging for 1-2 minutes.
Step 4: Repeat the sprint and rest between 3-7 times.
Do burst training every other day, because your anti-aging and fat-burning hormones are doing their work through the next day!
To boost your fat burning and anti-aging hormones to the highest level possible, consume foods that are high in complex carbohydrates and protein after your workout. Studies show waiting to eat 1 to 2 hours after workout enhances HGH naturally! Burst Training is quick, easy and it beats spending hours in the gym.
2. Increase your glutathione levels.
Glutathione is a powerful antioxidant that our bodies need to stay young and healthy. Low levels of glutathione have been linked to chronic conditions such as Alzheimer's, heart disease, chronic fatigue syndrome, diabetes and accelerated aging.
Some of the top foods that can support the healthy glutathione levels are:-
* Avocado
* Asparagus
* Broccoli
* Garlic
* Grapefruit
* Spinach
* Tomatoes
* Turmeric
3. Avoid refined sugars and processed grains.
This is the hardest step for most people — partly because sugar is so addictive — but it's essential to reversing the aging process. Wheat, white rice, and foods with refined sugar all increase your insulin levels which will lead to premature aging, inflammation and chronic disease.
Try these great alternatives to try so you can look and feel your best:
* Coconut flour
* Almond flour
* Hazelnut Flour
Customized Solutions:
What works for one person may not be right for the next. I consult people all around the world, comprehensively looking at underlying health issues and designing a program to reverse chronic disease and maximize health.
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Monday, 8 July 2013
What is blood pressure?
Most of us tend to consider blood pressure as a silent disease, but the truth is, blood pressure is much more than that. "Blood pressure also referred to as arterial pressure, is the pressure exerted by circulating blood upon the walls of blood vessels, and is one of the principal vital signs"
What is blood pressure?
"With each heartbeat, your heart pumps blood in your body to generate energy and oxygen. As the blood moves across your body, it pushes against the sides of the blood vessels. The power or force of this pushing is known as blood pressure".
Blood pressure is not steady all the time. It changes according to the needs of your body and can change due to emotion, stress, exercise, sleep and breathing. Your blood pressure can be either between three categories: normal, high or low. Blood pressure is always given in two numbers: systolic and diastolic pressures.
What is systolic and diastolic Pressure?
During each Heartbeat your blood pressure can range between a maximum (systolic) and a minimum (diastolic). These numbers appear when you monitor your blood pressure. Both these numbers are very important.
Systolic pressure:
- The number, which appears at the top, is known as the systolic pressure.
- It is the number which is measured during each heartbeat, when your heart contracts and pushes blood through the arteries to the rest of the body.
- A normal systolic pressure is 120 or below, whereas a systolic blood pressure with 140 and above is considered hypertension.
Diastolic pressure:
- This number is the second or the bottom number.
- It is the number which indicates the pressure in the arteries when the heart rests between each heartbeat.
- A normal diastolic blood pressure number is 80 or below, whereas a diastolic blood pressure number of 90 or higher is considered hypertension.
Blood pressure classification
- Blood pressure can be normal, high or low.
- Blood pressure reading below 120/80 is normal and healthy.
- If your blood pressure reading is consistently 140/90 or higher, then you may be developing high blood pressure or hypertension.
- Generally low blood pressure is considered healthy, but if your blood pressure is around 90/60 or lower, then you may be at the risk of developing hypotension or low blood pressure.
Measuring blood pressure
To measure blood pressure, a machine called as sphygmomanometer is used. Sphygmomanometer is an inflatable cuff that is wrapped around the upper arm. The best time to measure your blood pressure is when you are completely relaxed.
Ways to keep your blood pressure normal
If your blood pressure remains high or low it can lead to various health problems. Thus, it is important to have a normal blood pressure level to lead a healthy life. Normal blood pressure can be obtained by following these steps:
Maintain healthy weight
Be physically active
Limit alcohol consumption
Quit smoking
Decrease your salt/sodium intake
Increase your potassium intake
Eat healthy
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