गला और छाती की बीमारी का इलाज :
गले में किनती भी ख़राब से ख़राब बीमारी हो, कोई भी इन्फेक्शन हो, इसकी सबसे
अछि दावा है हल्दी । जैसे गले में दर्द है, खरास है , गले में खासी है,
गले में कफ जमा है, गले में टोनसीलाईटिस हो गया ; ये सब बिमारिओं में आधा
चम्मच कच्ची हल्दी का रस लेना और मुह खोल कर गले में डाल देना , और फिर
थोड़ी देर चुप होके बैठ जाना तो ये हल्दी गले में निचे उतर जाएगी लार के साथ
; और एक खुराक में ही सब बीमारी ठीक होगी दुबारा डालने की जरुरत नही । ये
छोटे बछो को तो जरुर करना ; बछो के टोन्सिल जब बहुत तकलीफ देते है न तो हम
ऑपरेशन करवाके उनको कटवाते है ; वो करने की जरुरत नही है हल्दी से सब ठीक
होता है।
गले और छाती से जुडी हुई कुछ बीमारिया है जैसे खासी ;
इसका एक इलाज तो कच्ची हल्दी का रस है जो गले में डालने से तुतंत ठीक हो
जाती है चाहे कितनी भी जोर की खासी हो । दूसरी दावा है अदरक , ये जो अदरक
है इसका छोटा सा टुकड़ा मुह में रखलो और टiफी की तरह चुसो खासी तुतंत बंध हो
जाएगी । अगर किसीको खासते खासते चेहरा लाल पड़ गया हो तो अदरक का रस ले लो
और उसमे थोड़ा पान का रस मिला लो दोनों एक एक चम्मच और उसमे मिलाना थोड़ा सा
गुड या सेहद । अब इसको थोडा गरम करके पी लेना तो जिसको खासते खासते चेहरा
लाल पड़ा है उसकी खासी एक मिनट में बंध हो जाएगी । और एक अछि दावा है , अनार
का रस गरम करके पियो तो खासी तुरन्त ठीक होती है । काली मिर्च है गोल
मिर्च इसको मुह में रख के चबालो , पीछे से गरम पानी पी लो तो खासी बंध हो
जाएगी, काली मिर्च को चुसो तो भी खासी बंध हो जाती है ।
छाती की
कुछ बिमारिया जैसे दमा, अस्थमा, ब्रोंकिओल अस्थमा, इन तीनो बीमारी का सबसे
अच्छा दवा है गाय मूत्र ; आधा कप गोमूत्र पियो सबेरे का ताजा ताजा तो दमा
ठीक होता है, अस्थमा ठीक होता है, ब्रोंकिओल अस्थमा ठीक होता है । और
गोमूत्र पिने से टीबी भी ठीक हो जाता है , लगातार पांच छे महीने पीना पड़ता
है । दमा अस्थमा का और एक अछि दावा है दालचीनी, इसका पाउडर रोज सुबह आधे
चम्मच खाली पेट गुड या सेहद मिलाके गरम पानी के साथ लेने से दमा अस्थमा ठीक
कर देती है ।
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